कोरोना शब्द का अर्थ होता है क्राउन यानी मुकुट, इस वायरस के कणों के इर्दगिर्द खाँचो में उभरे हुए मुकुट जैसे आकार दिखते हैं इसीलिए शायद इसका यह नाम पड़ा।
ज्योतिषीय दृष्टि से किसी वायरस के फैलने और जनसंहार के लिए चार प्रमुख ग्रह होते हैं राहु, शनि, चंद्र और बृहस्पति परंतु इसके साथ यदि सूर्य कमज़ोर हो तो यह बहुत ही बड़ी जनहानि को दिखाता है।
राहु का संबंध है दूषित भोजन-स्थान-आदत और रहस्यमयी बीमारियों से, शनि का संबंध है वायु और वातरोगों से, जल संबंधित है चंद्रमा से और ऑक्सीजन संबंधित है बृहस्पति से। अर्थात वायरस की उत्पत्ति राहु से, प्रसार शनि से और प्राणियों पर दुष्प्रभाव बृहस्पति और चंद्र से। अब सूर्य जो कि आत्मा और रोगप्रतिरोधकता से संबंध रखता है जिसकी कुंडली में अच्छी स्थिति में नहीं होगा उसी पर उपरोक्त दुष्प्रभाव मृत्युतुल्य हो जाएंगे शेष संक्रमित होकर भी कुछ कष्टों के उपरान्त स्वस्थ हो जायेंगें। तो यहाँ की फैक्टर हुआ सूर्य, उसे मजबूत करना है साथ ही कुंडली का छठा भाव संबंधित होता है रोग से और छठे भाव का व्यय भाव यानी बारहवाँ भाव हुआ पंचम भाव जो कि सामान्य तौर पर आपके ईष्ट का भाव होता है यानी आपकी इम्युनिटी। तो दूसरे की फैक्टर हुए आपके ईष्ट।
ग्रहों की अभी की स्थिति के अनुसार राहु अपनी उच्च राशि मिथुन में है शनि अपनी राशि मकर में है और कर्क राशि पर पूर्ण दृष्टि बनाये है, चंद्रमा मकर राशि में शनि के साथ विषयोग बना रहा है और बृहस्पति अपनी राशि धनु में हैं जो आगे अपनी नीच राशि मकर में पहुँचने वाले हैं। सूर्य मीन में हैं 14 अप्रैल को वे अपनी उच्च राशि मेष में पहुँचेंगें।
24 मार्च 2020 अमावस्या से भारत में इस वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ेगा पर हो सकता है यह उतना दिखाई न दे क्योंकि राहु का काम है छुपके बुरे काम करना अर्थात यह समस्या छुपे रूप में उससे काफी ज्यादा होगी जितनी कि खुले रूप में दिखाई देगी।
जिनका भी राहु खराब होगा वे लोग अपने शरीर में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने के बावजूद भी इसके लिए टेस्ट नहीं करवाएंगे या तो खुद के जीवन को समाप्त करने का सोचेंगे या फिर खुद के और अपने परिवार के और समाज के लोगों के जीवन पर ग्रहण लगाएंगे, राहु एक छलावा है भ्रम उत्पन्न करता है जैसे ही आप ईलाज के प्रकाश में आयेंगें वैसे ही ये राहु का अंधेरा गायब हो जाएगा अतः लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जाँच करवाएं। अपने मन को बली रखें मन बली होते ही आपका चंद्रमा बली होता है और राहु का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है।
यह संक्रमण विस्फ़ोट होगा तो लेकिन अनुपातिक रूप से जनहानि का प्रतिशत कम रहेगा। इस समस्या का उतार 25 अप्रैल 2020 के बाद से दिखाई देगा लेकिन इसके दुष्परिणाम लंबे समय तक भारत में दिखाई देते रहेंगें।
जिन लोगों ने अब तक परामर्श लिया है अथवा पेज पर पोस्ट पढ़ीं हैं उन्हें कुछ उपाय पहले से ही बता दिए थे, वे कुछ उपाय तो कर ही रहे हैं जैसे कि ईष्ट का मंत्र जप, केसर का तिलक, सूर्य को जल अर्पण, और मटकी में चावल वाला उपाय।
किसी भी बीज को यदि हम उसके पनपने के लिए उपयुक्त साधन न दें तो वह बीज नष्ट हो जाता है इसलिए हमें अपने शरीर को कोरोना के लिए बंजर बनाना है अर्थात अपने शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखना है ताकि यह वायरस हमारे शरीर में स्थान ही न बना पाए।
सभी राशि लग्न मूलांक आदि के लोग यह उपाय करें परन्तु ध्यान रहे ये सारे उपाय आपकी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हैं नाकि कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए हैं इसलिए चिकित्सीय दिशा निर्देशों और सामान्य स्वच्छ आहार विहार के साथ इन्हें भी करें और अपने तथा अपने जानने वालों का हित करें-
1. प्रतिदिन अपने मस्तक, गले, सीने, नाभि, और अपने दोनों चरणों (तलवों तथा ऊपरी पंजे) पर केसर अथवा हल्दी का तिलक लगाएं।
2. प्रतिदिन शरीर के ऊपरी भाग पर काला, लाल अथवा भगवा वस्त्र पहनकर सूर्य के सामने धूप में बैठकर 5 मिनट अपने ईष्ट का मंत्र जपें जिन्हें अपने ईष्ट नहीं पता वे ‘सूर्याय नम:’ का जप करें।
3. 24 मार्च अमावस्या को सूर्योदय से एक घंटे के भीतर मिट्टी की एक छोटी सी मटकी में ऊपर तक ‘जौ’ भरकर उस मटकी के मुँह को सफेद कपड़े से बंदकर अपने घर के यथा संभव बीच के स्थान (आँगन हो तो उत्तम नहीं तो बीच के कमरे में) की किसी ऊपरी जगह पर रख दें या लटका दें और अगली अमावस्या यानी 23 अप्रैल के सूर्यास्त के बाद के एक घंटे के भीतर किसी निर्जन स्थान पर दबा आएं।
4. विषयोग से बचने को दूध से बनी चीजों का सेवन कम से कम करें और पानी को गर्म करके या गुनगुने पानी का सेवन प्रचुर मात्रा में करें। इससे चंद्रमा मजबूत होता है।
5. रात्रि को सोते समय 11 बार ‘ॐ जूं स:’ यह मंत्र बोलकर अपने आप से कहें कि मैं पूरी तरह स्वस्थ हूँ मुझे कोई संक्रमण नहीं हो सकता और फिर सोएं।
6. जो कोई उपाय न कर सकें और पहले से पूजन, मंत्र जप करते आये हैं वे प्रतिदिन तीन से पाँच माला दोनो संधिकाल में (सुबह शाम) गायत्री मंत्र का जप करें।
शेष काली इच्छा!
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Mera baby 2.5month ka hai use kaise surakshit rakhe iss prakop se.pls advise me.
बहुत ही लाभदायक.. 🙏🙏
जय माँ… सबकी रक्षा करें मां, 🙏
होलाष्टक के दिन वाला उपाय ,आपके आदेश से हुआ, और बाकी उपाय यथासंभव हो रहे है। यह भी होता रहेगा …सादर 🙏 गुरु जी
काली कल्याणकारी
Very useful information in today’s panic situation.
एक और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद गुरुजी🙏
आपके बताये अनुसार उपाय किये हैं और उपरोक्त उपाय भी करने का प्रयास रहेगा
जय काली कल्याणकारी नमोस्तुते 🙏
जो आज्ञा आपके बताये हुऐ उपाय पहले भी किए थे आप पर पुरा विश्वास है आप सही मार्ग दर्शन करते हैं जय काली कल्याण कारी जगत का कल्याण कर धन्यवाद आदरणीय
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
काली कल्याणकारी !
हार्दिक आभार आपका
जय माँ काली कल्याणकारी 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद🙏🏻❣️