काली कल्याणकारी!
अक्षय तृतीया के स्वयंसिद्ध मुहूर्त पर करें यह उपाय और पाएं धन धान्य, स्वास्थ्य, पराक्रम, सिद्धि और ईश्वर की कृपा, साथ ही रोग, कर्ज़, विवाहबाधा से मुक्ति पाएं।
पहला उपाय सभी को करना है बाकी के उपाय अलग अलग उद्देश्यों के लिए है जो कि प्रत्येक उपाय में लिखा है जिसे जो कष्ट हो वह उससे संबंधित उपाय करें परन्तु पहले नम्बर का उपाय करने के बाद ही अपनी उस खास समस्या के लिए बताया गया उपाय करें। एक बार पुनः ध्यान दें कि सामान्य तौर पर पहला उपाय ही पर्याप्त है पर यदि किसी को अधिक कष्ट हो तो वह पहले उपाय को करने के बाद अपनी समस्या के निराकरण हेतु बताए गए अन्य उपाय को करे।
1.पहला उपाय-
1. 26 अप्रैल 2020 को सूर्योदय से प्रातः 9:25 बजे के मध्य समय में कभी भी पूजन कर सकते हैं परन्तु यदि सूर्योदय के ठीक बाद पूजन आरम्भ करें तो सर्वश्रेष्ठ।
अपने पूजन स्थल पर एकमुखी सामान्य दीपक प्रज्ज्वलित करें और उसके सामने बैठ जाएं।
चने की दाल के 9 दाने लें और 3-3 चने की दाल के दाने तीन कागजों पर रख लें। ऐसा करने पर हर कागज के टुकड़े पर चने की दाल के तीन दाने रखे दिखेंगें।
अब तीनो कागज के चारों ओर थोड़ा सा जल घुमा दें और उसके बाद धूपबत्ती जला के दिखा दें।
उसके बाद आसन पर सीधे बैठ के सबसे पहले अपने कुलदेवी अथवा देवता का स्मरण करें उनसे कहें कि मेरा यह प्रयास सफल करें और अपना आशीष दें। कुल देवता अथवा कुलदेवी न पता होने की दशा में भगवान शिव या माँ काली का ध्यान करें और ऊपर कही बात कहें।
उसके बाद इस मंत्र को कम से कम तीन माला जपें
“ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नमः।”
जप पूरा हो जाने के बाद तीनों कागज जिनमें तीन तीन चने की दाल के दाने हैं उनकी अलग अलग पुड़िया बना लें। ऐसा करने पर आपके पास तीन कागज की पुड़िया हो जाएंगी जिसमें हर पुड़िया में चने की दाल के तीन दाने होंगें। इन तीनो पुड़ियों को अपने माथे से लगाकर माँ काली को ध्यान कर कहें “माँ! लक्ष्मी रूप में आकर मुझे समृद्ध कर” इसके बाद इन तीनों पुड़ियों को अपने धन अथवा गहने आदि रखने के स्थान पर रख दें और पूरे वर्ष रखा रहने दें।
नोट- चने की दाल न होने की दशा में घर का कोई भी आभूषण लें (सोने अथवा चाँदी का) और उसे जल से शुद्ध कर धूपबत्ती दिखाकर दीपक के सामने रख दें और ऊपर बताए गए मंत्र का जप करें और उसके बाद की विधि ऊपर बताए अनुसार करें।
2. पराक्रम और सिद्धि प्राप्ति के लिये-
दीपक के सामने अपने आसन पर बैठकर इस मंत्र का तीन माला जप करें
“ॐ रां रां परशुरामाय सर्व सिद्धिप्रदाय नम:।”
जप के बाद दीपक को प्रणाम कर उठ जाएं।
3. विवाह होने में बाधा, वैवाहिक जीवन में कष्ट, संतान बाधा या संतान को कष्ट, मित्रों से कष्ट या प्रेम विवाह आदि हेतु यह उपाय करें-
दीपक के सामने अपने आसन पर बैठकर इस मंत्र का तीन माला जप करें
“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः।”
जप के बाद दीपक को प्रणाम कर उठ जाएं।
4. कर्ज मुक्ति के लिए, शत्रु विनाश हेतु, रोग तथा रोग से भय की मुक्ति और मुकदमे आदि में जीतने के लिए इस उपाय को करें।
दीपक के सामने अपने आसन पर बैठकर इस मंत्र का तीन माला जप करें।
“ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:।”
जप के बाद दीपक को प्रणाम कर उठ जाएं।
5. व्यापार में हानि रोकने के लिए, नौकरी में समस्या होने पर, ट्रांसफर रोकने व मनचाही जगह करवाने के लिए तथा सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए यह उपाय करें-
दीपक के सामने अपने आसन पर बैठकर इस मंत्र का तीन माला जप करें
“सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन, भविष्यति न शंसयः॥”
जप के बाद दीपक को प्रणाम कर उठ जाएं।
6. ईश्वर को सखा रूप में पाने के लिए-
दीपक के सामने अपने आसन पर बैठकर इस मंत्र का तीन माला जप करें
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।”
जप के बाद दीपक को प्रणाम कर उठ जाएं।
शेष काली इच्छा!
~आचार्य तुषारापात
(ज्योतिष डॉक्टर)
इस उपयोगी जानकारी के लिए बहुत धन्यवाद गुरुजी🙏
🙏🙏