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काली कल्याणकारी!

17 अक्टूबर से नवरात्र आरम्भ हो रहे हैं 17 अक्टूबर को घटस्थापना के साथ ही आगामी 8 दिनों तक माँ की आराधना, साधना और पूजन के ये अतिविशिष्ट नौ दिवस हैं अतः यह अत्यंत ही आवश्यक है कि घट स्थापना शुभ मुहूर्त और शुभ काल में हो।

आगामी नवरात्रि की रूपरेखा इस प्रकार है-

1. 17 अक्टूबर आश्विन शुक्ल प्रतिपदा घट स्थापन तथा देवी आह्वान

2. 18 अक्टूबर आश्विन शुक्ल द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी साधना

3. 19 अक्टूबर आश्विन शुक्ल तृतीया माँ चंद्रघंटा साधना

4. 20 अक्टूबर आश्विन शुक्ल चतुर्थी माँ कुष्मांडा साधना

5. 21 अक्टूबर आश्विन शुक्ल पंचमी माँ स्कन्दमाता साधना

6. 22 अक्टूबर आश्विन शुक्ल षष्ठी माँ कात्यायनी साधना

7. 23 अक्टूबर आश्विन शुक्ल महासप्तमी माँ कालरात्रि साधना

8. 24 अक्टूबर आश्विन शुक्ल महाअष्टमी माँ महागौरी साधना

9. 25 अक्टूबर आश्विन शुक्ल महानवमी माँ सिद्धिदात्री साधना

 

घटस्थापना शुभ मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि 16 अक्टूबर की रात्रि लगभग 1 बजे अर्थात 01:00 AM (17 अक्टूबर) आरम्भ होगी और 17 अक्टूबर को रात्रि लगभग 09:09PM तक रहेगी।

 

घटस्थापन अमावस्या तिथि और रात्रि के समय में वर्जित है इसके लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है जब प्रतिपदा तिथि दिन में मिले और दिन के पहले एक तिहाई समय में घटस्थापना मध्याह्न से पूर्व हो जानी चाहिए। अतः घटस्थापना के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध शुभ समय 06:12 AM से लेकर 10:08 AM अर्थात 17 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से लेकर पूर्वाह्न के 10 बजकर 8 मिनट के मध्य घट स्थापना और देवी आह्वान करें।


विशेष-

1. घट स्थापना का मुहूर्त आपको बताया गया है शेष घट स्थापना विधि, नवरात्रि पूजन अपने कुल अथवा खानदान की परंपरा/ रीति के अनुसार ही करें किसी भी ज्योतिषीय उपाय के चक्कर में अपने कुल की परंपरा में कोई परिवर्तन न करें क्योंकि यह शारदीय नवरात्र कुलदेवी का विशिष्ट पूजन भी है।

 

2. नवरात्र स्वयं सिद्ध मुहूर्त होते हैं परंतु इस समय को अधिक से अधिक साधना आराधना द्वारा स्वयं के आध्यात्मिक उत्थान के लिए लगाएं न कि भौतिकता की वस्तुओं के क्रय में इस समय को व्यर्थ करें। इस समय की गई पूजा साधना आपको सम्पूर्ण वर्ष के लिए शक्ति और सम्पन्नता स्वयं ही प्रदान कर देती है।

 

3. इन नौ दिनों में सामान्य पूजन दिन में करें परन्तु विशिष्ट साधना, जप आदि सूर्यास्त के बाद रात्रि में करें नवरात्रि में रात्रि साधना सर्वोत्तम है।

 

4. 17 अक्टूबर को सूर्य अपनी नीच राशि तुला में प्रवेश कर रहे हैं अतः अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता पर विशेष ध्यान दें आने वाले एक महीने में संक्रामक रोगों का अत्यधिक प्रसार होने की आशंका है।

 

5. नवरात्रि पर घर में व्याप्त समस्त वास्तुदोषों को दूर कर देने वाले सरल उपाय के लिए हमारी कल की जाने वाली पोस्ट पढ़ना न भूलें।

शेष काली इच्छा!

आचार्य तुषारापात

(ज्योतिष डॉक्टर)

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