काली कल्याणकारी!
पितृपक्ष में कल अर्थात 20 सितम्बर की रात्रि से अपने अपने लग्न अनुसार यह उपाय करें और अपने जीवन की समस्त बाधाओं, समस्याओं, दुर्योगों, कष्टों आदि से मुक्ति पायें।
सभी व्यक्तियों को यह उपाय 20 सितम्बर को सूर्यास्त के बाद से आरम्भ करने हैं तथा 21 सितम्बर से 6 अक्टूबर 2021 तक प्रतिदिन यह उपाय आकाश में सूर्य के रहते अर्थात दिन के समय में करने हैं। इस उपाय के साथ आप अपने कुल की परंपरा अनुसार जो भी पूजन, तर्पण आदि करते हैं वे कर सकते हैं।
पितृपक्ष के उपाय-
यह उपाय आपको दो चरणों में करना है पहले चरण में सभी व्यक्तियों को (चाहे कोई भी लग्न/ राशि हो) 20 सितम्बर सूर्यास्त के बाद घर में काले तिल लाकर रख लेने हैं तथा एक मिट्टी की प्याली में थोड़ा सा कच्चा दूध घर के आँगन, छत, बालकनी या किसी कमरे में (पूजा घर या पूजन स्थल को छोड़कर) में रख देना है और अगले दिन 21 सितम्बर को वह दूध घर के बाहर के किसी भी वृक्ष में अथवा कच्ची मिट्टी में डाल देना है। एक ही परिवार के अलग अलग लग्न के व्यक्ति सभी यह उपाय स्वयं तथा पृथक रूप से करें। 12 वर्ष से छोटे जातकों को इस उपाय को नहीं करना है।
दूसरे चरण में मेष से मीन लग्न के व्यक्तियों के लिये अलग अलग उपाय नीचे बताये हैं उसे करें, ध्यान रखें कि यह उपाय आपकी कुंडली के लग्न के अनुसार हैं नाकि आपकी राशि के अनुसार। एक ही परिवार के अलग अलग लग्न के व्यक्ति अपने अपने लग्न के उपाय स्वयं करें। 12 वर्ष से छोटे जातकों को इस उपाय को नहीं करना है।
इस बार षष्ठी तिथि की वृद्धि है अतः पितृपक्ष 16दिवस का है।
मेष लग्न के उपाय-
मेष लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़ा सा सेंधा नमक और थोड़े से काले तिल (तिल और नमक अलग अलग रखें) किसी भी वृक्ष के पास की कच्ची ज़मीन में रख दें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, एकादशी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
वृषभ लग्न के उपाय-
वृषभ लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़े से धनिया के दाने (समूची धनिया) और थोड़े से काले तिल (तिल और धनिया के दाने अलग अलग रखें) किसी भी नदी, नहर, तालाब, नल, हैंडपंप या स्वच्छ जल स्त्रोत के पास की कच्ची ज़मीन में रख दें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, सप्तमी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
मिथुन लग्न के उपाय-
मिथुन लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़ा सा दूध और थोड़े से काले तिल (दूध और तिल अलग अलग रखें) किसी भी कच्ची ज़मीन पर छोड़ आयें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, पंचमी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
कर्क लग्न के उपाय-
कर्क लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़ा सा गुड़ और थोड़े से काले तिल (गुड़ और तिल अलग अलग रखें) किसी कच्ची ज़मीन पर रख आयें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, द्वादशी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
सिंह लग्न के उपाय-
सिंह लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़े से पीले फूल और थोड़े से काले तिल ( फूल और तिल अलग अलग रखें) किसी भी चौराहे पर छोड़ आयें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, दशमी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
कन्या लग्न के उपाय-
कन्या लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) लोहे का छोटा सा टुकड़ा और थोड़े से काले तिल ( लोहे का टुकड़ा और तिल अलग अलग रखें) किसी भी कच्ची ज़मीन में 6 इंच गहरा दबा आयें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, अष्टमी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
तुला लग्न के उपाय-
तुला लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़े से साबुत उड़द के दाने और थोड़े से काले तिल ( उड़द और तिल अलग अलग रखें) किसी वृक्ष के पास रख आयें। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, नवमी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
वृश्चिक लग्न के उपाय-
वृश्चिक लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) हल्दी की एक गाँठ और थोड़े से काले तिल ( हल्दी और तिल अलग अलग रखें) किसी भी जल के स्त्रोत के पास छोड़ आएं। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, चतुर्थी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
धनु लग्न के उपाय-
धनु लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़े से चीनी के दाने और थोड़े से काले तिल ( चीनी और तिल अलग अलग रखें) कच्ची ज़मीन में छोड़ आएं। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, चतुर्दशी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
मकर लग्न के उपाय-
मकर लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़े से चीनी के दाने और थोड़े से काले तिल ( चीनी और तिल अलग अलग रखें) कच्ची ज़मीन में छोड़ आएं। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, षष्ठी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
कुम्भ लग्न के उपाय-
कुम्भ लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़ी सी हरी धनिया और थोड़े से काले तिल ( धनिया और तिल अलग अलग रखें) किसी तिराहे पर छोड़ आएं। यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, त्रयोदशी और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
मीन लग्न के उपाय-
मीन लग्न वाले 21 सितम्बर से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रतिदिन दिन के किसी भी समय (मध्याह्न काल सर्वोत्तम) थोड़े से कच्चे चावल और थोड़े से काले तिल (चावल और तिल अलग अलग रखें) किसी मंदिर के बाहर की या किसी वृक्ष के पास की कच्ची ज़मीन पर रख आयें । यह उपाय प्रतिदिन करें तो सर्वोत्तम नहीं तो प्रतिपदा, तृतीया और अमावस्या को अवश्य ही करना है।
यह उपाय पूरी श्रद्धा से करें आपके जीवन की अनेक कठिनाइयाँ अवश्य दूर हो जायेंगी।
शेष काली इच्छा!
~आचार्य तुषारापात
(ज्योतिष डॉक्टर)
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आदरणीय प्रणाम गुरुदेव जी
काली कल्याणकारी!
सबसे पहले दैनिक पंचाग के लिए धन्यवाद
और उसमे आसान और सरल उपाय भी रहते हैं।
और इस पितृपक्ष के सरल उपाय के लिए धन्यवाद।
आपको आभार।
बहुत धन्यवाद गुरुजी🙏