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दीपावली अष्टलक्ष्मी साधना
इस दीपावली अर्थात 04 नवम्बर 2021 को करें यह अचूक उपाय और अपार धन, समृद्धि पायें।

काली कल्याणकारी!
दीपावली की रात्रि अत्यन्त ही सिद्ध तिथि है इस काल में बड़े से बड़ा तंत्र सामान्य प्रयास से सफल हो जाता है और इस काल में मनुष्य माँ लक्ष्मी की सर्वोत्तम कृपा प्राप्त कर जन्म जन्म की दरिद्रता को दूर कर असीम धन-संपदा प्राप्ति के मार्ग प्राप्त कर सकता है अतः नीचे बताई गयी पूजन विधि को ध्यान से समझ कर करें माँ ने चाहा और आपकी कुंडली में कोई बड़ा दरिद्रता योग न हुआ तो अवश्य ही आपको अपार धन-संपदा इस पूजन से प्राप्त होगी।
यह पूजन घर का कोई भी व्यक्ति कर सकता है।

पूजन का समय-

4 नवम्बर को साँय 05:57 PM से लेकर 07:53 PM के मध्य इस पूजन को करें।

विशेष समय- सर्वोत्तम लाभ लेने के लिये इस पूजन को रात्रि 11:24 PM से लेकर 12:16 AM के मध्य करें।

पूजन सामग्री– एक थाली, आठ मिट्टी के दीपक, आठ लंबी बाती, देशी घी (गाय का हो तो सर्वोत्तम), गुलाब के नौ पुष्प, आठ कमलगट्टे, अष्टगंध तिलक और धूप (यदि गुलाब की सुगंध की हो तो सर्वोत्तम), दूध की बर्फी (80 ग्राम)

पूजन विधि
1. ऊपर बताये गये समय पर सारी सामग्री तैयार कर माँ लक्ष्मी के चित्र अथवा मूर्ति के सामने अपना आसन (लाल रंग का हो सर्वोत्तम) बिछा कर बैठ जायें।

2. माँ के चित्र अथवा मूर्ति के आगे एक थाली में आठ दीपक प्रज्ज्वलित कर रखें।

3. माँ को थोड़ा सा जल अर्पित कर धूप दिखायें और जलती धूप को माँ के चित्र के दाहिनी ओर रख दें।

4. अब माँ के चित्र/मूर्ति पर अष्टगंध तिलक लगायें और माँ को गुलाब का एक पुष्प अर्पित करें।

5. माँ को दूधबर्फी का भोग लगायें, और जल अर्पित करें।

6. अब आठों कमलगट्टों को अपने दायें हाथ में लेकर इस मंत्र को 11 बार अथवा 108 बार जपें-
“ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा”

7. उसके बाद इस मंत्र को 11 अथवा 108 बार जपें-
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः”

यदि और अधिक लाभ चाहते हैं तो इसी मंत्र से 108 आहुति का हवन करें।

7. जप पूरा हो जाने पर आठों दीपकों के साथ एक एक गुलाब का पुष्प घर के चारों कोनों और चार मध्य भाग अर्थात चार दिशायों और चार विदिशाओं में रखे दें। (चार दिशायें-पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण। विदिशायें- उत्तरपूर्व, दक्षिणपूर्व, दक्षिणपश्चिम, पश्चिमउत्तर।)

8. आठों कमलगट्टों को अपने धन रखने (तिजोरी) के स्थान में रख दें। माँ लक्ष्मी अपने आठों स्वरूपों में आपके यहाँ निवास करने लगेंगीं।

शेष काली इच्छा!
आचार्य तुषारापात
(ज्योतिष डॉक्टर)

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