काली कल्याणकारी!
इस बार शारदीय नवरात्र कल 18 सितम्बर से न आरम्भ होकर 17 अक्टूबर से प्रारंभ होंगें। कल अर्थात 18 सितम्बर से 16 अक्टूबर तक आश्विन अधिकमास रहेगा। सामान्यतः अधिकमास में शुभ कार्यों का निषेध होता है परन्तु इस बार का अधिमास शुक्रवार और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र से आरम्भ हो रहा है जिससे कई प्रकार के उत्तम सुख और मनोकामना पूर्ति शीघ्र करने वाले कई योग इस मास में बन रहे हैं।
अधिमास, सौरवर्ष और चंद्रवर्ष के मध्य के अंतर को हर 33वें महीने में भरने की एक गणितीय प्रक्रिया है परन्तु इसका धार्मिक और व्यवहारिक महत्त्व भी है यह एक तरह से जीवनभोग में लगी मानवजाति को लगभग तीन वर्ष के अंतराल में भौतिकता से आध्यात्मिकता की ओर जाने का एक स्वर्णिम अंतराल है। इसीलिए अधिमास में धर्म, आध्यात्मिकता, चिंतन, ध्यान तथा दान आदि क्रियाओं को करने पर बल दिया जाता है। और यही कारण है कि इस अधिकमास जिसे हम अधिमास, मलमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जानते हैं समस्त मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहनिर्माण, गृहप्रवेश, वाहन क्रय आदि कार्य वर्जित हैं क्योंकि ये सारे कर्म भौतिकता से जुड़े हुए हैं और आंतरिक आध्यात्मिकता के विकास में बाधा पहुँचाते हैं।
वैसे तो अधिमास में भौतिकता से जुड़े सभी कार्य वर्जित हैं परन्तु यदि कार्य करना ही पड़े तो इस मास में आप निम्न तिथियों पर निम्न कार्य करेंगें तो अत्यन्त शुभ फल प्राप्त होगा और किसी प्रकार की हानि नहीं होगी-
1. यदि आपको कोई नया काम शुरू करना, कोई पूजन-अनुष्ठान, मनौती आदि माँगना या मनौती पूर्ण होने के पश्चात भोजन-दान आदि जैसे कार्य इस मास में करना ही पड़े तो 19 सितम्बर, 26, 27 सितम्बर, 1 अक्टूबर और 2, 4, 6, 7, 9, 10, 11, 17 अक्टूबर में से किसी एक तिथि पर करेंगें तो अत्यन्त शुभ रहेगा। इन तिथियों से अलग किसी तिथि पर कार्य करने से फल की शुभता में कमी रहेगी।
2. विलासिता के समान जैसे आभूषण, कपड़े आदि खरीदने के लिए 19, 22 सितम्बर और 2, 3, 7 अक्टूबर उत्तम तिथियाँ रहेंगीं।
3. यदि कोई नया वाहन लेने की सोच रहे हैं तो 19, 20, 27, 28, 29 सितम्बर और 4, 10, 11 अक्टूबर को वाहन खरीदने की प्रक्रिया आरम्भ करना शुभ होगा यदि बहुत मजबूरी हो तो आप अधिमास के किसी भी सोमवार या बृहस्पतिवार को भी वाहन की बुकिंग आदि करा सकते हैं।
4. नये व्यापारिक समझौते, किसी बड़ी डील आदि के लिए 21 सितम्बर और 6 अक्टूबर उत्तम तिथियाँ हैं और बहुत मजबूरी होने पर इस मास के किसी भी बुधवार को व्यापार से संबंधित कोई नया कार्य कर सकते हैं।
5. नई जॉइनिंग, नये रिश्ते की शुरुआत, शिक्षा से संबंधित कार्य, आभूषण क्रय, मकान की खरीदारी आदि यही इसी माह में करनी हो तो 18, 26 सितम्बर और 7 तथा 15 अक्टूबर को करना सर्वोत्तम रहेगा।
यह अधिमास आश्विन मास में पड़ रहा है तो इस मास में आप अपने कुल, खानदान अथवा परिवार में चली आ रही धार्मिक और व्यवहारिक परम्पराओं का जितना पालन करेंगें उतनी ही अधिक आपकी प्रगति होगी। सूर्य भगवान और भगवान विष्णु की अधिक से अधिक पूजा अर्चना करें यदि भगवान विष्णु के पूजन के साथ माँ लक्ष्मी का भी पूजन किया जाय तो शास्त्र कहता है कि इस मास में किया गया श्री-हरि का यह पूजन, सुख-संतुष्टि, वैभव, धन, सामाजिक प्रतिष्ठा, को सैकड़ों गुना कर देता है और दरिद्रता, कष्ट, समस्त बाधाओं और रोगों का समूल नाश करने वाला होता है।
भाग्योदय टिप: इस महीने यदि प्रतिदिन उगते सूर्य को जल चढ़ायेंगें तो सोयी हुई किस्मत अवश्य ही जाग जाएगी। (विशेष तौर पर सिंह, मेष, वृष, तुला, मकर और मीन लग्न अथवा राशि वालों के लिए शेष राशि लग्न वाले यदि सूर्य को जल देने के साथ पक्षियों को दाना-भोजन आदि कराते हैं तो सोया भाग्य जाग जाएगा।)
काली कल्याणकारी 🙏❣️
इस वर्ष पडने वाले अधिकमास कि बहुत सी भ्रांतियों को दूर करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
प्रणाम गुरुदेव जी
जय काली कल्याणकारी