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काली कल्याणकारी!

आज शरद पूर्णिमा पर अपनी राशिनुसार करें ये उपाय और पाएं सफलता, रोगमुक्ति, मृत्युभय से मुक्ति, धन, प्रतिष्ठा और सौभाग्य!
साथ ही सभी राशि वालों के लिए पारिवारिक सुख, मनचाहे प्रेमी की प्राप्ति, धन प्राप्ति, शत्रुबाधा उपचार, प्रेम विवाह अथवा विवाह बाधा तथा व्यापार और नौकरी की बाधाओं को दूर करने वाले आज के दिन के विशेष किन्तु सरल उपाय भी जानिए। अंत तक पढ़ें

शरद पूर्णिमा विशेष तिथि है इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की समस्त औषधियों के गुणों में वृद्धि करता है और आज के दिन किये जाने वाले मंत्र जाप से चंद्र सहित सभी ग्रहों की बाधाओं को दूर किया जा सकता है यहाँ तक कि ऐसी मान्यता है कि रोग से लड़ते मृत्यु की गोद में लगभग पहुँच चुके व्यक्ति भी इस दिन पर कुछ उपायों के द्वारा नवजीवन प्राप्त कर लेता है इसीलिए इस दिन को चंद्रमा से अमृत बरसता है ऐसा कहा जाता है।
सामान्य निर्देश
यह सामान्य निर्देश सभी राशि वालों के लिए हैं-
1. राशि से तात्पर्य है आपकी कुंडली की जिस राशि में चंद्रमा है वह आपकी राशि है अर्थात यह सारे उपाय चंद्रराशि अनुसार हैं।
2. सभी राशि वाले व्यक्तियों ( किसी भी आयु और लिंग वाले) को 30 अक्टूबर को रात्रि 10 बजे से रात्रि 12 बजे के मध्य यह उपाय करने हैं।
3. उपाय के ठीक पहले स्नान करें तो सर्वोत्तम यदि न कर पाएं तो हाथ मुंह धोकर कुल्ला करके यह उपाय करें।
4. चंद्रमा की रोशनी में किसी ऊष्मा के कुचालक आसान पर बैठकर यह उपाय करें तो सर्वोत्तम, यदि चाँदनी में न बैठ पाएं तो घर के पूजन स्थल पर उपाय करें।
5. सभी राशि वाले खीर बनाकर उसे एक खुले बर्तन में चाँदनी में रखें, उस खीर से भरे बर्तन (चाँदी का हो तो सर्वोत्तम अन्यथा सामान्य बर्तन हो परन्तु ताँबे का कदापि न हो) को अपने सामने रखकर उपाय करें।
जो किसी कारण वश चाँदनी में खीर न रख पाएं वो अपने पूजन स्थल में खीर रखें। खीर में आपको चीनी नहीं मिलानी है अर्थात खीर बिना शक्कर की बनाएं। खीर गाय के दूध से बनी हो तो सर्वोत्तम अन्यथा जैसा दुग्ध उपलब्ध हो तथा उसमें खीर की सामान्य सामग्री हो।
6. चाँदनी में एक सूती धोती आदि वस्त्र पहनकर राशि अनुसार नीचे बताये गए मन्त्र जपने हैं अंतःवस्त्र न पहनें तो सर्वोत्तम। जिन्हें सर्दी आदि शीघ्र लगती हो वे इस उपाय को खुले में न करें घर के भीतर पूजन स्थल पर करें।
7. सभी राशियों के व्यक्तियों को अपने सामने बिना चीनी की बनाई खीर को खुले बर्तन में रखकर अपनी अपनी राशि के अनुसार नीचे बताये गए दो मंत्रों की एक एक माला का जप करना है और उसके बाद खीर को तुरंत स्वयं ग्रहण कर लेना है। घर के अलग अलग सदस्य यदि यह उपाय करते हैं तो उन्हें अपनी अपनी राशि का मंत्र जपना होगा और अपने हिस्से की खीर जप के समय अपने सामने रखनी होगी। यदि घर का कोई एक सदस्य (मुखिया हो तो उत्तम नहीं तो कोई भी) यह उपाय करता है तो जप के बाद पहले स्वयं खीर का एक हिस्सा लेकर ग्रहण करे और उसके बाद घर के सदस्यों को खीर खाने को दे। प्रयास करें कि खीर बचे नहीं। इस उपाय को शरद पूर्णिमा पर आपके परिवार में चली आ रही पूजा आदि से अलग रखें, इससे लाभ ही लाभ है कोई हानि आदि नहीं है हाँ अपने खानदान में चली आ रही परम्परा के अनुसार की जाने वाली पूजा/ मान्यता आदि यदि कोई हो तो उसे न छोड़ें अवश्य करें।
राशिअनुसार उपाय
अब मेष राशि से लेकर मीन राशि में स्थित चंद्रमा वाले व्यक्तियों के लिए अलग अलग मंत्र कहता हूँ।
मेष राशि के जातकों के लिए उपाय-
जिनकी कुंडली में मेष राशि में चंद्रमा हो वे अपने आसन पर चाँदनी में बैठकर सामने रखी गयी खीर को देखते हुए यह मंत्र
‘ॐ नारायण नमो नमः’
एक माला (108 बार) जपें और उसके बाद एक माला यह मंत्र
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
चंद्रमा को देखते हुए जपें (यदि चंद्रमा देखने में दिक्कत हो तो ऐसे ही जपें), जप करने के बाद अपने आसन से उठकर चंद्रदेव को प्रणाम करें और खीर को स्वयं ग्रहण कर लें। खीर अपने आसन से अलग हटकर किसी अन्य आसन या कुर्सी आदि पर बैठकर चाँदनी में ही ग्रहण करें तो सर्वोत्तम। जो लोग किसी कारणवश चाँदनी में यह जप न कर पाएं वे चन्द्रमा को मानसिक प्रणाम कर खीर ग्रहण करें। इन मन्त्र जप के दौरान किसी प्रकार का कोई दीपक या धूपबत्ती/अगरबत्ती आदि नहीं प्रकाशित करनी है न ही आपको तिलक आदि लगाना है।
वृषभ राशि के जातकों के लिए उपाय-
मेष राशि में बताई गई सारी बातें वृषभ राशि वालों के लिए वैसी ही रहेंगीं बस खीर को देखते हुए वृषभ राशि वालों के लिए एक माला जपने के लिए मंत्र होगा ‘ॐ गणेशाय नमः’ और चंद्रमा को देखते हुए वही मंत्र एकमाला जपना है-
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
मिथुन राशि के जातकों के लिए उपाय-
जिनकी कुंडली में मिथुन राशि में चंद्रमा है उन्हें खीर को देखते हुए यह मंत्र जपना है ‘ॐ श्रीं नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
शेष सारी विधि मेष राशि में बताए अनुसार ही रहेगी।
कर्क राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ हनुमते नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
सिंह राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ नारायण नमो नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
कन्या राशि वालों के लिए उपाय
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ नमः शिवाय’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
तुला राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ महादेवाय नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
वृश्चिक राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ देवकीनंदनाय नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
धनु राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ अंजनीपुत्राय नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
मकर राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ शिवप्रियायै नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
कुम्भ राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ वक्रतुण्डाय नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
मीन राशि वालों के लिए उपाय-
शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ रुद्राय नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’

विशेष- जिन लोगों को अपनी राशि आदि का ज्ञान न हो वे सारी विधि पूर्व में बताए अनुसार करेंगें बस मंत्र इस प्रकार रहेंगें-

शेष सारी विधि पूर्व में बताई गई (मेष राशि के उपाय में बताए अनुसार) रहेगी बस आपको खीर देखते हुए एकमाला यह मंत्र जपना है
‘ॐ सूर्याय नमः’
और चंद्रमा को देखते हुए एकमाला जपने वाला मंत्र वही रहेगा
‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृतत्त्वाय धीमहि।
तन्नो चंद्र: प्रचोदयात।।’
कुछ विशेष उपाय-

नीचे बताये गए विशेष उपाय कोई भी राशि वाला, स्त्री पुरुष आदि कर सकता है। उपाय का समय 30 अक्टूबर 2020 को सूर्यास्त के बाद से 30 अक्टूबर की मध्यरात्रि के मध्य कोई भी हो सकता है। इसके लिए आपको देसी घी का एक दीपक अपने पूजन स्थल पर जलाना है और पूजन स्थल पर ही अपने आसन पर बैठकर बताये गए मंत्र को 11 माला (11×108) जपना है। मंत्र जपने के बाद अपनी उस समस्या को याद कर कहें कि वह समस्या अब समाप्त हो गयी है और आसन छोड़ दें आपका उपाय सम्पन्न हो जाएगा।

नीचे बताई गई जिस श्रेणी के लिए आपको उपाय करना हो उससे संबंधित बताये गए एक मन्त्र को ही जपना है एक से अधिक समस्यायें होने पर दूसरे मंत्र की 11 माला जपें, क्रम आप अपने अनुसार चयन कर सकते हैं। बताये गए यह विशेष उपाय आप राशि अनुसार बताये गए उपाय के पहले या बाद (मध्यरात्रि से पहले) भी कर सकते हैं। यह विशेष उपाय आप अपने किसी संबंधी या परिचित के लिए भी कर सकते हैं बस मन्त्र जपने से पहले उस व्यक्ति का नाम लेकर कहें कि अमुक व्यक्ति के लिये अमुक मंत्र की 11 माला जप कर रहा/ रहीं हूँ।
1. जिनके परिवार या दाम्पत्य जीवन में कलह हो, तलाक की स्थिति हो अथवा पति-पत्नी में दूरी हो वे इस मंत्र को ऊपर विशेष उपाय श्रेणी में बताये गए समय पर 11 माला जपें, मन्त्र रहेगा-
ॐ नारायण विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात।।
2. मनचाहे प्रेम को पाने के लिए, प्रेम विवाह की बाधाओं को दूर करने के लिए और विवाह होने में देरी होने आदि के लिए स्त्री या पुरुष दोनों में से कोई एक इस मंत्र को 11 माला पूर्व में बताई विधि अनुसार जपें, मन्त्र रहेगा-
ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि। तन्नो राधा प्रचोदयात।।
3. जीवन में धन-संपदा चाहने वाले, पद-प्रतिष्ठा, यश, ऐश्वर्य और सौभाग्य की कामना रखने वाले इस मंत्र को 11 माला जपें-ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात।।
4. शत्रुओं से रक्षा के लिए, मुकदमे आदि में विजय प्राप्ति के लिए और समस्त विघ्नों को दूर करने के लिए इस मंत्र को 11 माला जपें-
ॐ सहस्त्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि। तन्नो इन्द्रः प्रचोदयात।।
5. व्यापार में बाधा होने पर, नौकरी या आजीविका न होने पर या इन क्षेत्रों में कठिनाइयाँ होने पर और अपनी आय बढ़ाने के लिए इस मंत्र को 11 माला जपें-
ॐ चतुर्मुखाय विद्महे हंसारुढ़ाय धीमहि। तन्नो ब्रह्मा प्रचोदयात।।
6. किसी पुरानी बीमारी जिसका निदान न मिलता हो अथवा असाध्य रोग जिससे जीवन नरक समान हो गया हो तो समस्त रोगों को दूर करने के लिए इस मंत्र को 11 माला जपें-
ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि। तन्नो सूर्य: प्रचोदयात।।
7. जिन लोगों को किसी भी रोग, शत्रु आदि से अथवा किसी भी कारण से अपने जीवन पर खतरा लगता हो या जो मृत्युभय से पीड़ित हों, बार भंयकर दुर्घटनाएं आदि होती हों या डॉक्टरों ने जवाब दे दिया हो तो वे इस मंत्र को जपें-
ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि। तन्नो यमः प्रचोदयात।।

शेष काली इच्छा!
आचार्य तुषारापात
(ज्योतिष डॉक्टर)

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