।। काली कल्याणकारी ।।
ज्योतिष डॉक्टर
अब दुःखों पर होगा ‘तुषारापात’
काली कल्याणकारी!
आत्मीय, जिस सेवा के बारे में अधिक जानकारी करनी हो कृपया उस सेवा के नाम पर क्लिक करें, आप उस सेवा से जुड़ी सारी जानकारी के साथ उसकी बुकिंग के लिंक पर पहुँच जाएंगें, बुक करने के लिए हर सेवा की जानकारी के बाद ‘click here‘ बटन दिया है उसको क्लिक करने पर आप सेवा की बुकिंग के पेज पर पहुँचेंगें वहाँ अपना नाम और जन्म विवरण भर के समस्या लिखने के स्थान पर अपनी चुनी गई सेवा का नाम लिखकर सबमिट कर दें, आगे की प्रक्रिया हेतु आपके मोबाइल और ईमेल पर संदेश आपको तुरंत प्राप्त हो जाएगा।
कल्याणी कुंडली निर्माण व सम्पूर्ण जीवन भविष्यफल
कुंडली निर्धारण व कुंडली शोधन–शुद्धिकरण
हस्तरेखा–मस्तकरेखा परामर्श
छायाचित्र सामुद्रिक परामर्श
जीवनसाथी परामर्श
वंशवृद्धि परामर्श
लालन–पालन परामर्श
शिक्षा–प्रतियोगिता परामर्श
करियर, आजीविका व प्रोन्नति परामर्श
भवन निर्माण तथा वास्तुदोष परामर्श
वाहन एवं दुर्घटना रक्षा परामर्श
सामान्य व असाध्य रोग परामर्श
दुर्योग निवारण व राजयोग परामर्श
कानूनी विवाद,नशा व कर्ज़ मुक्ति परामर्श
ऊपरी बाधा व तंत्र–मंत्र निवारण
कर्मकाण्ड व पूजन परामर्श
गृह क्लेश निवारण व परिवार परामर्श
शुभ मुहूर्त परामर्श
कुंडली निर्माण व सम्पूर्ण जीवन भविष्यफल–
आत्मीय, इसके अंतर्गत आपके द्वारा प्रदान किये गए जन्म विवरण पर आपकी जन्म पत्रिका अर्थात कल्याणी कुंडली ,नक्षत्रायनन कुंडली तथा नक्षत्र यंत्र का निर्माण किया जाएगा जिसमें लग्न कुंडली, चंद्र कुंडली, नवमांश आदि षोडश (16) वर्गों तथा नक्षत्रायनन विधि से कुछ अतिविशिष्ट व गोपनीय चक्र आचार्य जी स्वयं अपने हाथों से तैयार करेंगे और आपके सम्पूर्ण जीवन को कई भागों में बाँट कर भविष्य बताने के साथ समय समय पर आने वाली संभावित परेशानियों के निदान तथा उपाय आदि आपको पहले से ही विस्तार से बता दिए जाएंगे जिससे आप अपने जीवन में आने वाले बुरे समय के प्रति न सिर्फ सचेत रहें बल्कि डटकर सामना कर उनपर विजय भी प्राप्त कर सकें। आचार्य श्री कुंडली का निर्माण अपनी पंचांग प्रतिभा से करते हैं कम्प्यूटर की बनी कुंडली में प्रायः दोष दिखाई देते हैं। आपकी हस्त निर्मित कुंडली आपको डाक से भेजी जाएगी।
कुंडलियों के बारे में अधिक जानकारी हेतु यहाँ क्लिक करें- Click Here
कल्याणी कुंडली (पैकेज) मँगवाने के लिये यहाँ क्लिक करें। Click Here
कुंडली निर्धारण व कुंडली शोधन–शुद्धिकरण–
आत्मीय, कई बार ऐसा होता है कि पूर्व में बनवाई गई कुंडली कॉम्प्यूटर आदि में दर्ज गलत जानकारी के कारण या पंडित जी की गणना में आई कोई मानवीय भूल के कारण सही नहीं होती तो ऐसी स्थिति में जातक को सटीक भविष्यफल नहीं प्राप्त हो पाता और ज्योतिषशास्त्र बदनाम होता है इस स्थिति में आचार्य जी द्वारा कुंडली का शोधन व शुद्धिकरण किया जाता है तथा जन्मतिथि या जन्मसमय में कोई भ्रम होने पर या जिनको अपनी जन्मतिथि या समय नहीं ज्ञात होता उनकी कुंडली भी प्राचीन शास्त्रों में वर्णित विधियों द्वारा तैयार की जाती है और उस तैयार की गई सही कुंडली से सटीक भविष्यफल तथा कॉउंसिलिंग प्रदान की जाती है। अपनी कुंडली की जाँच अथवा बिना कोई तिथि–समय– स्थान दिए, शास्त्रीय विधि से अपनी कुंडली बनवाने के लिए यहाँ क्लिक करें– Click Here
हस्तरेखा–मस्तकरेखा परामर्श
आत्मीय, आपकी मुठ्ठी में ही छुपी है आपकी तकदीर, और आपके माथे की लकीरों के बीच लिखा होता है आपका भूत भविष्य और वर्तमान, माँ काली की अनुकंपा से आचार्य जी इस विधा में भी सिद्ध हैं आचार्य श्री से अपने हाथ तथा मस्तक रेखाओं के द्वारा ज्योतिषीय परामर्श लेने के लिये यहाँ क्लिक करें-Click Here
छायाचित्र सामुद्रिक परामर्श-
आत्मीय, आचार्य श्री को आप अपनी या अन्य किसी की फोटो भेजकर भी अपने या उनके बारे में परामर्श ले सकते हैं। आचार्य श्री सामुद्रिक शास्त्रज्ञ हैं और छायाचित्र परामर्श के लिए विख्यात हैं। इसके लिए आपको अपनी दो फोटो हमें भेजनी होंगी, एक फोटो क्लोज-अप अर्थात आपके चेहरे की और दूसरी फोटो जिसमें आप की पूरी लंबाई (कद) दिखे। अपनी फोटो भेजने और परामर्श लेने के लिए यहाँ क्लिक करें- Click Here
जीवनसाथी परामर्श–
आत्मीय, कहा जाता है कि विवाह के बाद व्यक्ति का नया जन्म होता है उसका एक नया जीवन आरम्भ होता है यह नया जीवन नवदंपती के लिए सुखमय हो, और वैवाहिक जीवन में आगे कोई कष्ट न उत्पन्न हो इसके लिये आवश्यक है कि विवाह पूर्व भावी पति पत्नी की कुंडली का मिलान कर गुण दोषों का अध्ययन करा लिया जाए। आचार्य श्री विवाह उपरांत भी पति–पत्नी की कुंडलियों में व्याप्त दोषों के सरल वैज्ञानिक उपचार बताते हैं। गहन कुंडली मिलान रिपोर्ट तथा जीवनसाथी कुंडली परामर्श हेतु यहाँ क्लिक करें. Click Here
वंशवृद्धि परामर्श–
संतान न होना, गर्भाधान में बाधा, गर्भ पुष्ट न होना, आदि समस्याओं के लिये एकल संतान/संतानहीन दंपति वंशवृद्धि परामर्श का चयन कर आचार्य श्री से परामर्श/उपाय प्राप्त कर सकते हैं। वंशवृद्धि परामर्श हेतु यहाँ क्लिक करें Click here
लालन–पालन परामर्श–
आत्मीय, आज के इस व्यस्त दौर में बच्चों की अच्छी परवरिश यानी गुड पेरेंटिंग कैसे करें यह एक बहुत बड़ी चुनौती है। बच्चे के जन्म से लेकर उसकी 12 वर्ष की अवस्था तक आप जो संस्कार उसमें रोप देते हैं वह जीवन भर उन्हीं संस्कारों का पालन करता है। परन्तु प्रत्येक बच्चा स्वयं में एक अलग व्यक्तित्व रखता है अतः प्रत्येक बच्चे की परवरिश एक समान रूप से नहीं की जा सकती। वैदिक ज्योतिष और आधुनिक युग के परिवेश के मिलन से आचार्य श्री ने आज के कॉम्पिटीशन युग की चुनौतियों के आधार पर बच्चों के शारीरिक, मानसिक और व्यक्तित्व के विकास के लिए जन्म से 12 वर्ष तक की अवस्था के बच्चों के लिए लालन–पालन परामर्श विकसित किया है। लालन पालन परामर्श के लिए यहाँ क्लिक करें . Click Here
शिक्षा–प्रतियोगिता परामर्श
आत्मीय, शिक्षा प्रत्येक बच्चे के जीवन के लिए अति महत्त्वपूर्ण है परंतु प्रायः यह देखा गया है कि माता पिता बच्चे की रुचि को ध्यान में न रखकर अपनी मर्जी की शिक्षा उसपर थोप देते हैं और वह शिक्षा क्षेत्र में असफल होकर माता पिता के ताने सुनता है। आचार्य श्री से जानिए कौन सी शिक्षा आपके बच्चे के लिए सर्वाधिक शुभफलदायी रहेगी, किस प्रतियोगिता में किस तरह वह सफल हो सकता है। शिक्षा प्रतियोगिता परामर्श सिर्फ 12 वर्ष की आयु से बड़े बच्चों हेतु है इसके लिए यहाँ क्लिक करें.Click Here
करियर, आजीविका व प्रोन्नति परामर्श–
आत्मीय, किस फील्ड में बनेगा आपका करियर, किस क्षेत्र में किस ऊँचाई तक आप पहुँचेगे ? व्यापार अधिक शुभ रहेगा या नौकरी? किस समय अपनी जॉब स्विच करना सबसे अच्छे परिणाम देगा? ट्रांसफर या प्रोमोशन में आई रुकावटें कैसे दूर करें? अपनी आजीविका कैसे बढ़ाएं? आदि ऐसे सभी प्रश्नों के उत्तर मिलेंगें आपको आचार्य श्री से। ऑनलाइन या व्यक्तिगत परामर्श के लिए यहाँ क्लिक करिये। Click Here
भवन निर्माण तथा वास्तुदोष परामर्श–
आत्मीय, वास्तु का अर्थ है वास करने योग्य स्थान अर्थात हमारा निवास। निवास का स्वरूप समय समय पर बदलता गया है आधुनिक काल में घर बनाना एक बहुत ही महँगा सौदा हो गया फलस्वरूप घर छोटे और प्राचीन वास्तु से बहुत दूर होते गए। आज आवश्यकता है प्राचीन वास्तुशास्त्र के नियमों को आधुनिक युग के अनुसार विकसित करने की जिससे गृहस्वामी और घर में रहने वाले सभी सदस्यों का स्वास्थ्य सही रहे और उन्हें मानसिक शांति प्राप्त हो और घर में आर्थिक तंगी कभी न आने पाए। आचार्य श्री ने नक्षत्रों के आधार पर कई वास्तुदोष निवारण यंत्रों का निर्माण किया है आप भवन बनवाते समय या बनवाने के बाद वास्तु संबधी किसी भी समस्या के लिए और आप अपने जीवन में कब और कैसे अपना खुद का मकान बनवा सकते हैं यह जानने के लिए तथा वास्तुदोष यंत्र बनवाने के लिए आचार्य श्री से परामर्श कर सकते हैं इसके लिए यहाँ क्लिक करें। Click Here
वाहनयोग व दुर्घटना से रक्षा परामर्श–
आत्मीय, एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिये हम वाहनों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। हमारा दैनिक जीवन का एक बड़ा समय वाहन में व्यतीत होता है अतः आवश्यक है कि आपके वाहन के रंग, प्रकार आदि आपके अनुकूल होना चाहिए अन्यथा दुर्घटनाओं की संभावना अधिक हो जाती है। इसी के साथ एक बहुत बड़ी आबादी अपने मनपसन्द वाहन के सुख से अभी भी दूर है। आपके जीवन में वाहन का कितना महत्त्व है कब आपको अपने मन का वाहन प्राप्त होगा तथा किस दिशा में गमन शुभ तथा किस दिशा में गमन अशुभ होगा इसके परामर्श के लिए यहाँ क्लिक करें। Click Here
सामान्य व असाध्य रोग परामर्श–
आत्मीय, आज ज्योतिष,चिकित्सा क्षेत्र में बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रहा है ऐसा नहीं है कि मेडिकल एस्ट्रोलॉजी कोई नवीन सिद्धान्त है यह तो वैदिक काल से रही है उपवेद आयुर्वेद में औषधीय पौधों को तोड़ने और उनसे औषधि लेप आदि बनाने के लिए कुछ विशेष नक्षत्रों तथा काल आदि का वर्णन प्राप्त होता है। ज्योतिष के द्वारा भविष्य में आपको हो सकने वाले रोगों की गणना की जा सकती है और रोग हो जाने पर रोग के ईलाज का समय बताया जा सकता है जिससे कि उस काल में ईलाज शुरू कराने से आप शत प्रतिशत उस रोग से निवृत्त हो जाएं। यहाँ यह ध्यान देने योग्य बात है कि ज्योतिष उपचार की दिशा बताता है न कि उपचार करता है उपचार के लिए आपको चिकित्सक के पास ही जाना होगा ज्योतिष आपको पहले से सूचना दे सकता है कि ऐसी स्थिति आपके जीवन में कब कब आएगी और स्थिति आने पर आपको क्या करना होगा। असाध्य रोग जैसे एड्स कैंसर आदि के पीड़ितों के लिए आचार्य जी निःशुल्क परामर्श प्रदान करते हैं इसके लिए यहाँ क्लिक करें Click Here अन्य सामान्य रूप से अपनी रोग और स्वास्थ्य जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। Click Here
दुर्योग निवारण व राजयोग परामर्श–
आत्मीय, कई बार देखा गया है कि कुछ लोग सदैव अच्छे कर्म करते हैं और दूसरों का भला करते रहते हैं। वे धार्मिक होते हैं पूजा पाठ करते हैं साधु संतों विद्वानों का आदर करते हैं। अपने वृद्ध माता पिता की सेवा सत्कार करते हैं परंतु जीवन में उन्हें न तो कभी यश प्राप्त होता है और न ही धन, सफलता, पद, वाहन, प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है उल्टे उनके अच्छे कर्मों के प्रतिउत्तर में उन्हें अपमान, घृणा, लाँछन, झूठे आरोप आदि मिलते हैं, कई बार ऐसा जन्मकुंडली में उपस्थित दुर्योगों के कारण होता है इन दुर्योगों को पूर्णतया तो समाप्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह दुर्योग आपके प्रारब्ध अर्थात पूर्वजन्म के कर्मों से बनते हैं परंतु फिर भी कुछ उपायों के द्वारा इनके दुष्प्रभावों को सीमित किया जा सकता है इसी तरह कुंडली में कई तरह के राजयोग या अचानक लाभ जिसे किस्मत पलटना कहते हैं के भी कई योग बनते हैं जिसे अज्ञानतावश हम सही समय पर भुना नहीं पाते। कालसर्प योग, मंगलदोष और अन्य तरह के सभी दुर्योगों के उपाय व राजयोग, नीचभंग राजयोग जैसे कई योगों की जानकारी के लिए आचार्य श्री से परामर्श लें यहाँ क्लिक करें। Click Here
कानूनी विवाद, कर्ज़ मुक्ति परामर्श–
आत्मीय, यद्यपि प्रत्येक मनुष्य शांति से और सुख से जीवन व्यतीत करना चाहता है परंतु आज के आधुनिक जीवन की जटिलता में कई बार हम किसी कारण कोर्ट कचहरी या पुलिस इत्यादि के चक्कर में पड़ जाते हैं और अपना तन मन धन और प्रतिष्ठा आदि सब गवाँ बैठते हैं। बँटवारा, ज़मीन जायदाद, तलाक़, बर्खास्तगी, चोरी, गबन, दुर्घटना, झगड़ा फसाद, सरकारी विवाद आदि कई तरह के कानूनी विवादों और किसी भी प्रकार के कर्ज़ से निकलने के लिए आचार्य श्री से सटीक परामर्श लें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं। यहाँ क्लिक करें . Click Here
ऊपरी बाधा व तंत्र–मंत्र परामर्श
आत्मीय, परम आदरणीय गुरु जी आचार्य श्री तुषारापात जी (दक्षिणेश्वर कलकत्ता) काली माँ के भक्त व साधक हैं। किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र, ऊपरी बाधा, पीड़ा, जादू टोना आदि की पूरी काट उनके लिये सम्भव है। इसके लिये आप परामर्श निश्चित करने हेतु यहाँ क्लिक करें Click Here
कर्मकाण्ड व पूजन परामर्श–
आत्मीय, आचार्य श्री द्वारा सभी प्रकार के सूक्ष्म, दिव्य तथा भव्य पूजन तथा अनुष्ठान जैसे मूल शांति, ग्रहशांति, वास्तु शांति, गृह प्रवेश, यक्ष शांति, कालसर्प निवारण यज्ञ, पितृदोष शांति, पितृ दोष निवारण यज्ञ, गायत्री जप-यज्ञ, गायत्री पुरुश् चरण अनुष्ठान, महामृत्युंजय जप-यज्ञ, मृत संजीवनी यज्ञ, दस महाविद्या साधना, माला-आसन-रत्न-जड़-अँगूठी आदि अभिमंत्रण व सिद्धिकरण आदि जैसे सभी वैदिक तथा तांत्रिक अनुष्ठान किये जाते हैं अत्यधिक व्यस्तता के चलते इसके लिये समय से अत्यंत पूर्व समय लेना होता है इसके लिये यहाँ क्लिक करें। Click Here
गृह क्लेश निवारण व परिवार परामर्श–
आत्मीय, आज के इस भागमभाग से भरे जीवन में जहाँ हर व्यक्ति कमाता है वहाँ घरों में अहम अधिक टकराने लगे हैं। पति पत्नी के मध्य झगड़े आम हो रहे हैं परिवार टूट रहे हैं लोग अपने ही माता पिता की सेवा नहीं करते या चाह के भी नहीं कर पाते। पिता पुत्र के मध्य छोटी छोटी बातों में तनाव बहुत बढ़ जाता है भाई भाई से ईर्ष्या करता है जिससे परिवार में बिखराव और टूटन हो जाती है। जिस घर में क्लेश होता है वहाँ न तो कोई सुखी रहता है और न ही बरकत होती है। यदि आप या आपका परिवार इस समस्या से ग्रसित है तो निसंकोच यहाँ क्लिक करें। Click Here
शुभ मुहूर्त परामर्श–
आत्मीय, सामान्यतः एक भ्रम है कि ज्योतिष शास्त्र भविष्य बताने का विज्ञान है वरन वास्तविकता में ज्योतिष वर्तमान में कर्म कराने वाला विज्ञान है। किसी भी कर्म का उद्देश्य होता है उस कर्म के द्वारा अपने अनुकूल फल प्राप्त करना। जैसे कि कुछ फसलें सर्दियों में बोई जाती हैं तो कुछ गर्मियों में। अगर हम उन्हें सामान्य तौर पर उल्टे मौसम में रोपेंगें तो फसल खराब ही होगी। तो फसलों के लिए मौसम एक मुहूर्त हो गया ऐसे ही मानव जीवन में कई शुभ और अशुभ मुहूर्त होते हैं शुभ मुहूर्त में किये गए शुभकर्म सदैव सफलता प्राप्त करते हैं इसलिये मुहूर्तों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है। विवाह, घर निर्माण, गृहप्रवेश, जॉइनिंग, वाहन क्रय इत्यादि मानव जीवन से जुड़े सभी कर्मों के लिए प्राचीन आचार्यों ने कुछ विशेष समय निर्धारित किये हैं। अपने जीवन से जुड़े किसी भी कार्य के लिए अपना शुभ मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।Click Here
शेष काली इच्छा!
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